Moral story

परीलोक की सेल्फी परी : Pariyon ki Kahani in Hindi

आसमान में बादलों के बिच में एक परीलोक था | जहाँ बहुत सारी परियां एक साथ रहती थी | हर परियों के पास एक मोबाइल फ़ोन था | जिससे वह एक दूसरे की सेल्फ़िया लिया करती थी | परीलोक की रानी नताशा ने जब यह सारी बात देखि तो तो उन्होंने सभी परियों की बात करने के लिए बुलाया

नताशा : मैंने आप सभी को सेल्फी लेते हुए देखा है आप सभी को तस्वीरें खींचने का बड़ा शोक है |

तब उनमे से एक मोना नाम की परी कहती है |

मोना : हा परी रानी हम सभी को सेल्फ़िया लेना और उनको एक दूसरे के साथ शेयर करना पहुत पसंद है |

मोना की यह बात सुनकर सुजाता नाम की परी भी कहती है |

सुजाता : हम सब जब तस्वीरें लेते है तब हमें बहुत ही ख़ुशी होती है |

सारे परियों की बाते सुनकर नताशा कहती है |

नताशा : मुझे भी इस बात से ख़ुशी है की आप लोग बहुत खुश हो अब मुझे और क्या चाहिए |

मोना : हमें इतनी अच्छी रानी मिली है जो हमें मोबाइल फ़ोन का उपयोग करने दे रही है | हमें और क्या चाहिए |

सुजाता : सच में हमें बहुत अच्छी रानी परी मिली है | हम बहुत ही किस्मत वाले है |

सब परियों की बाते सुनकर परियों की रानी बहुत ही खुश हुयी | जिसके बाद रानी परी ने बाकी परियों से कहा

नताशा : आप सभी आप के इस कला  ख़ुशी मिलती है तो में भी बहुत खुश हु |

परियों की रानी की बात सुनकर माधुरी परी और कामिनी परी ने नताशा की बात काटकर कहा

माधुरी : कला कौनसी कला रानी परी ?

नताशा : तुम्हारे सेल्फी लेने की कला |

कामिनी : यह कौनसी कला है रानी परी यह सब तो हम अपने ख़ुशी के लिए करते है |

नताशा : तस्वीरें खींचना भी एक कला है | धरती लोक में लोग इसके बलबूते पर अपनी किस्मत बना रहे है | पैसे कमा रहे है और दुनिया में अपना नाम बना रहे है | तो यह भी एक तरह की कला है |

माधुरी : क्या ऐसे भी होता है क्या ?

नताशा : हा ऐसा ही है |

कामिनी : पर रानी परी हम लोगो को इसका क्या फायदा | हम धरती पर नहीं रहते ना वरना हम भी दुनिया में अपना नाम कमाते |

नताशा : अरे घबराओ मत तुम सब को भी नाम कमाने का मौका मिल जायेगा |

मोना : लेकिन वो कैसे रानी परी |

कामिनी : हां रानी परी में भी जानना चाहता हु की कैसे हम लोग अपना नाम कमा सकते है |

नताशा : मेरी बात सुनकर तुम बहुत खुश हो जावोगी | मैंने सोचा है की में एक प्रतियोगिता रखु |

कामिनी : कैसी प्रतियोगिता रानी परी ?

नताशा : मैंने सोचा है की परी लोक में एक सेल्फी प्रतियोगिता रखी जाय जिसमे परी लोक की सारी परियां भाग लेंगी और जिसकी सेल्फी सबसे खूबसूरत होगी उसे सेल्फ़ी परी कहा जायेगा |

कामिनी : क्या सेल्फी परी प्रतियोगिता आप ने तो हमें खुश कर दिया सेल्फी परी का किताब मुझे ही मिलेगा |

मोना : नहीं-नहीं वो किताब तो मुझे ही मिलेगा |

रानी परी के कहने के बाद सब परियां जाकर सेल्फी परी का किताब जितने के लिए प्रतियोगिता के लिए तैयारी करने लगती है | सभी परियां अपने आप को अच्छे अच्छे कपडे और श्रृंगार से प्रतियोगिता के लिए सजने और सवरने लगी और अलग-अलग तरह की अपनी अलग-अलग सेल्फ़िया लेने लगी | सभी परियों ने खूब सारी सेल्फ़िया ली और सारि सेल्फ़िया प्रतियोगिता के लिए रानी परी के पास जमा करवाई | आखिर वह दिन आ ही गया जब परी लोक में सेल्फी रानी का किताब जितने वाले का पता लगना था | उस दिन सब परियां एक जगह आ जाती है | सबको देखकर रानी परी कहती है |

नताशा : परीलोक के सारी परियां क्या प्रतियोगिता के लिय तैयार है ?

मोना : हां रानी परी हम सब तैयार है |

नताशा : तो ठीक है प्रतियोगिता शुरू करते है |

रानी परी के ऐसा कहते ही सेल्फी प्रतियोगिता शुरू कर दी गयी |  परीलोक में एक बड़ी स्क्रीन लगाइ गयी जिसमे सभी परियों की बारी-बारी से तस्वीरें दिखाई गयी | सभी की एक से एक बढ़कर तस्वीरें थी | सभी के तस्वीरों में बड़े ही महंगे महंगे कपडे, महंगा श्रृंगार और खूबसूरत जगह थी | माधुरी और कामिनी की तस्वीरों को ज्यादा अंक मिल रहे थे | तभी अचानक आखिर में एक तस्वीर आयी | जिसे देखकर सभी हैरान हो गए | उस तस्वीर को देखते ही रानी परी ने बोला

नताशा : अरे जरा रोको इस फोटो को |

रानी परी को उस तस्वीर को देखकर बड़ी ही हैरानी हुयी की जहा सभी के तस्वीरों में मेकप, अच्छे कपडे और अच्छी जगह है | वहा इस तस्वीर में ना तो मेकप था नहीं महंगे कपडे और नाही खूबसूरत जगह थी बल्कि वह जगह दिखाई दी है जहा सारी परियों ने कचरा किया है | यह देखकर रानी परी ने उस सेल्फी वाले परी को बुलाया |

नताशा : यह जो भी परी है मेरे सामने आवो |

सभी परियों के पीछे छुपी हुयी पिंकी नाम की परी सबके सामने आ गयी | जिसे देखकर रानी परी ने उससे पूछा ?

नताशा : मुझे यह बतावो की तुमने इस तरह की तस्वीर क्यों खींची | तुम्हे तो पता है ही की यह एक सेल्फी प्रतियोगिता है और इसके लिए तुम्हारी सेल्फी बहुत खूबसूरत होनी चाहिए |

पिंकी : लेकिन रानी परी आप को मेरी सेल्फी कहा से ख़राब लग रही है | क्योकि इसमें ज्यादा मेकप भी नहीं है | पर सुंदर होने के लिए मेकप की क्या जरुरत है | हम इसके बिना कितने खूबसूरत लगते है | हमें जिस तरीके का रूप दिया गया है | हम उसे क्यों मेकप से ख़राब करे और यह जरुरी नहीं की महंगे कपडे में ही आप अच्छे लगे | मुझे इन कपड़ो में अच्छा महसूस होता है और जब में अच्छा महसूस करुँगी तभी तो अच्छी लगूंगी |

पिंकी परी की सारी बाते सुनकर सभी परियां और रानी परी चौक गयी तभी रानी परी ने पिंकी से एक सवाल पूछा

नताशा : चलो ठीक है लेकिन तुमने यह गंदगी की जगह क्यों चुनी तुम कही अच्छी जगह जाकर भी सेल्फी खींच सकती थी ?

पिंकी : तस्वीरें खींचना और उसे लोगो को दिखाना यह एक जरिया है जिससे हम अपनी हकीकत सबके सामने ला सकते है और मैंने इस जरिये का बहुत ही अच्छे से उपयोग किया है | सब परियों ने परीलोक की अच्छी-अच्छी जगह के साथ तस्वीरें खींची है | लेकिन इस कूड़े के ढेर को तो सब लोग भूल ही गए | जिसमे हम सभी की फैली हुयी गंदगी को समेट कर रखा हुवा था | कम से कम आज के बाद इस जगह को कोही गंदा तो नहीं करेगा |

नताशा : मुझे ऐसे ही किसी परी की खोज थी की तस्वीरें खींचने के सही मायिने को सबको समझा सके | खूबसूरत चीजों की तस्वीरें खींचना ही एक कला नहीं है | बल्कि अपने आस-पास के खूबसूरती को अपने कैमरा में कैद करना यह एक कला है | में तुम्हारी इस कला से बहुत खुश हु और में तुम्हे सेल्फ़ी परी का किताब देना चाहती हु | 

पिंकी का साफ़ दिल और उसके तस्वीरें खींचने के कला को देखते हुए परीलोक ने उसे सेल्फी परी का किताब दे दिया और उस दिन से सब सेल्फी परी बुलाने लगे साथ ही पिंकी की बताई हुयी बात को सब समझ गय और उसी की बात पर अमल करने लगे | उस दिन के बाद से सब ख़ुशी-ख़ुशी रहने लगे |

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