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बूढ़े माँ बाप की कहानी | Hindi Kahaniya

बूढ़े माँ बाप की कहानी

उदयपुर नाम के एक छोटे से गांव में विश्वनाथ और कमला नाम के बूढ़े पति पत्नी रहते थे उनके दो बेटे थे | एक का नाम पंकज और दूसरे का नाम महेंद्र था | विश्वनाथ और उसके पत्नी ने अपने दोनों बेटो को अपने हैसियत से भी ज्यादा पढ़ाया था | छोटे ही उम्र में वह दोनों बहुत ही कामयाब बन गए और उनको अच्छे काम भी मिल गाय | वह दोनों बहुत ख़ुशी से अपना जीवन जी रहे थे |

फिर एक दिन विश्वनाथ और उसके पत्नी ने अपने बेटो की शादी करा दी | इस तरह कुछ दिन गुजर गए | महेंद्र और पंकज अपने पत्नियों के गलत बातो में आकर अपने माँ बाप का ठीक से ध्यान नहीं रखते थे | जिन लोगो ने बचपन में उन दोनों को इतना प्यार किया था वह दोनों उनके ही प्यार को भूल गए | अपने बेटो का बरताव देखकर उनके अंदर आये बदलाव को देखकर विश्वनाथ और उसकी पत्नी बहुत ही दु:खी रहते थे | फिर एक दिन विश्वनाथ ने अपने पत्नी कमला से कहा |

विश्वनाथ : सुनो कमला हमने बहुत प्यार और मेहनत से यह घर बनाया था | लेकिन मुझे अब इस घर में नहीं रहना हम यह घर हमारे दोनों बेटो को देकर दूसरे जगह जाकर रहेंगे |

कमला : आप क्या कह रहे है इस बुढ़ापे में हम लोग कहा जाएंगे ?

विश्वनाथ : इस गांव के पास जहा हमारी छोटी सी जगह है वहा हम एक छोटी सी झोपड़ी बनाकर रह लेंगे और गुजरा करने के लिए खेती कर लेंगे |

कमला विश्वनाथ के इस बात पर सहमत हो गयी | फिर विश्वनाथ अपने दोनों बेटो को बुलाकर घर का बटवारा कर देता है | दोनों को अपना घर बराबर में बाट देता है | उसके बाद उन दोनों से कहता है की वह लोग घर छोड़कर जा रहे है |  यह बात सुनकर बहु के साथ बेटे भी खुश हो जाते है | विश्वनाथ ने अपने बेटो को खुश रहने का आशीर्वाद देकर वह और उसकी पत्नी कमला वहा से चले गए | गांव के पास उनकी जो छोटी सी जहग थी वहा उन दोने ने झोपड़ी बनाकर रहने लगे | दोनों मिलकर खेती करते थे और उन्हें बाजार में बेचते थे |

इस तरह कुछ साल बीत गए | जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ़ती गयी उस तरह उनकी ताकत भी काम होती गयी | इस तरह कुछ दिन गुजर गय और वो दोनों बीमार पड़ गय | एक दिन रात को सोने से पहले विश्वनाथ ने भगवान से प्रार्थना की

विश्वनाथ : हे भगवान अब हमारा आप ही सहारा हो जबतक हमारे शरीर में ताकत थी हमने मेहनत की कभी किसी पर बोझ नहीं बने अब हमारी ताकत ख़त्म हो गयी है | अब हमारी सारी जिम्मेदारी आप पर है |

यह प्रार्थना करके विश्वनाथ सो गया था | उसके सपने में उसने देखा की भगवान उसके पास आये है और कहते है भगवान : विश्वनाथ मैने तुम्हारी प्रार्थना सुनी है तुम्हारा सारा दुःख मै जानता हु | में तुम्हे एक वरदान देना चाहता हु यहाँ से कुछ दूर एक जंगल है उस जंगल के पूर्व दिशा के तरफ एक जादुई नदी है उसमे तीन बार डुबकी लगाने से तुम फिर से जवान हो जावोगे |

सपना ख़तम होने के बाद विश्वनाथ की आँखे खुली और वह अपने पत्नी के पास जाकर उसे नींद से जगाने लगा |

विश्वनाथ : कमला सुनो उठो…

कमला : क्या हुवा ?

विश्वनाथ : मेरे सपने में भगवान आये थे और उन्होंने मुझसे कहा जंगल में एक जादुई नदी है जिसमे तीन बार डुबकी लगाने से हम जवान हो जायेंगे |

कमला : आप यह क्या कह रहे है आप की तबियत तो ठीक है ना ? और जादुई नदी क्या है?

विश्वनाथ : में सच कह रहा हु मैंने सपने में देखा था |  उस नदी के ऊपर एक इंद्रधनुष था वो जगह बहुत खूबसूरत थी कल हम दोनों वहा जायेंगे | जबतक तुम अपने आँखो से देख नहीं लेती तबतक तुम्हे मेरी बातो का विश्वास नहीं होगा |

दूसरे दिन सुबह वह दोनों नदी के तरफ निकल गए | पूर्व दिशा की तरफ चलते हुए बहुत दूर तक जाने के बाद उनको वहा एक नदी नजर आयी | वो सारी जगह बहुत ही खूबसूरत थी | जैसा विश्वनाथ ने सपने में देखा था बिलकुल वैसा ही इंद्रधनुष आसमान नजर आ रहा था |

कमला : आप ने जो कहा था वो सच निकला मुझे तो यकींन ही नहीं हो रहा है |

विश्वनाथ : चलो कमला हम इस नदी में तीन बार डुबकी लगाते है |

फिर दोनों एक दूसरे का हात पकड़कर नदी में तीन बार डुबकी लगाते है | जैसे ही उन दोनों ने तीसरी डुबकी लगे वह दोनों जवान हो गए | उनका रूप एकदम से बदल गया | दोनों एक दूसरे के तरफ देखने लगे | वो बहुत ही हैरान थे लेकिन अपने आप को पानी में देखकर बहुत खुश हो गए | खूबसूरत चेहरा और सुकून वाला दिल और ताकतवर शरीर पाकर बहुत खुश थे | दोनों ने भगवान को प्रणाम किया और वापस अपने घर चले गए | दोनों अपने बेटो से भी ज्यादा जवान हो गए थे |

कुछ साल गुजरने के बाद पंकज और महेंद्र के बिच झगड़ा हो गया और वो दोनों अलग-अलग घर में रहने लगे | उन दोनों के बच्चे भी उन दोनों को सताने लगे | तब जाकर उन दोनों को यह बात समझ में आ गयी की उनको अपने माँ बाप के साथ ऐसा नहीं करना चाहिए था | जो माँ बाप उनका इतना ख्याल रखते थे उनके साथ इतना बुरा बरताव करके पंकज और महेंद्र को बहुत ही शर्मिंदा हुए | फिर उन दोनों को अपने गलती का एहसास हो गया |

लेकिन विश्वनाथ और कमला जो वरदान उन दोनों को भगवान ने दिया था उसका गलत उपयोग नहीं किया | बल्कि जो बूढ़े लोग होते थे उनकी पूरी देखभाल किया करते थे | अनाथ लोगो की भी सेवा किया करते थे | उन्होंने एक खूबसूरत घर भी बनाया था जिसमे वह सारे लोग रहते थे |

यह बात सच है की जो माँ बाप हमारे लिए कुछ भी करते है | उनके बुढ़ापे का सहारा हम नहीं बनते है | जो प्यार उन्होंने हमें दिया है वही प्यार हमें उनके बुढ़ापे में देना चाहिए | तो आप लोग भी अपने माँ बाप से प्यार करना और उनका बुढ़ापे में ख्याल रखना |

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