Moral story

परीलोक के परियों की कहानी | Pariyon ki Kahani in Hindi

परीलोक के परियों की कहानी

बहुत साल पहले की यह बात है | परीलोक और पाताल लोक की परियों में गहरी दुश्मनी हो गयी | उस दिन के बाद से परीलोक और पाताल लोक की परियों ने एक दूसरे से मिलना बंद कर दिया | जब वह एक दूसरे से मिलते थे तब बात लढाई तक पहुंच जाती थी | तभी पाताल लोक की परियों की रानी अदिती एक दिन बाकि परियों से कहती है |

अदिती : में चाहती हु की इस संसार के परीलोक में सिर्फ में ही एक रानी रहु, हम लोगो की चर्चा क्यों नहीं होती सिर्फ परी लोक के परियों की ही चर्चा होती है |

तब मिना नाम की एक परी कहती है |

मिना : लेकिन हम ऐसा क्या कर सकते है ?

अदिती : एक दूसरे से युद्ध |

मिना : पर परीलोक की परियां काफी ताकतवर है उनका सामना करना बहुत ही मुश्किल है |

अदिती : हम उनसे कम नहीं है हमें उनसे इस बार जितना होगा |

मिना : क्या आप के पास उनसे जितने के लिए कोही योजना है |

अदिती : हम दिमाग से उन लोगो को हराएंगे, हम परीलोक की रानी मोहिनी की बेटी को हम अगवा कर लेंगे और उसे कहेंगे की अगर तुमने परीलोक की गद्दी हमें नहीं दिया तो हम उसके बेटी को मार देंगे |

मिना : यह तो बहुत बढ़िया योजना है |

अदिती : इस योजना पर आज से ही काम करना शुरू कर दो |

यह कहकर अदिती वहा से चली जाती है | और पाताल लोक की परियां परीलोक की रानी मोहिनी के बेटी को अगवा करने के लिए योजना बनाते है | दूसरी तरफ अदिती की भी एक बेटी होती है जिसका नाम कामिनी होता है | एक दिन वह जंगल के रास्ते से जा रही होती है | कामिनी काफी साफ़ दिल की होती है और उसे हर किसे से प्यार होता है | कामिनी जब जंगल से गुजर रही होती है तब वह अचानक एक गहरे गड्ढे में गिर जाती है | जिसके बाद वह जोरो से चिल्लाने लगती है | कामिनी के चिल्लाने की आवाज वही से गुजर रही ऐश्वर्या नाम की लड़की सुन लेती है | जिसके बाद वह उस गड्डे के पास जाती है |

ऐश्वर्या : अरे अंदर कौन है ?

कामिनी : में कामिनी हु और गलती से इस गड्डे में गिर गयी हु कृपया मुझे इससे बाहर निकालो

ऐश्वर्या : ठीक है तुम वही रुको में कुछ करती हु |

तभी ऐश्वर्या अपना हात लंबा करके कामिनी को बहार निकाल लेती है | यह सब देखकर कामिनी बड़ी ही हैरान होती है और ऐश्वर्या से पूछती है |

कामिनी : यह तुमने कैसे किया ?

ऐश्वर्या : इसे जादू कहते है |

कामिनी : नहीं बात कुछ और है अब मुझे सच-सच बताओ

ऐश्वर्या : ठीक है, पर तुम वादा करो की तुम यह बात किसी को नहीं बातोवोगी |

कामिनी : ठीक है में वादा करती हु अब बातावो |

ऐश्वर्या : में परी लोक की रानी मोहिनी की बेटी हु |

कामिनी : तो तुम भी एक परी हो |

ऐश्वर्या : क्या तुम भी एक परी हो

कामिनी : हां में भी एक परी हु मेरा नाम कामिनी है और में पाताल लोक की रानी अदिती की बेटी हु |

ऐश्वर्या : क्या पाताल लोक, अगर हमें किसी ने देख लिया तो मुश्किल हो जाएगी, तुम्हे तो पता है परीलोक और पाताल लोक में कितनी दुश्मनी है |

कामिनी : हा मुझे पता है लेकिन इस जंगल में हम दोनों को कोही नहीं पहचानता है | इसलिए परेशांन होने की कोही बात नहीं है |

ऐश्वर्या : हां हां तुमने सही कहा

कुछ समय बाते करने के बाद कामिनी और ऐश्वर्या की दोस्ती हो जाती है और दोनों रोजाना एक दूसरे से मिलना शुरू कर देते है | वही दूसरे तरफ पाताल लोक की परियो को पता चल जाता है की मोहिनी की बेटी रोज जंगल में घूमने चली जाती है | इस बात का पता लगाने के बाद सभी पाताल लोक की परिया जंगल पहुंच जाती है | अपने शक्तियों से ऐश्वर्या को अपना बंदी बना लेती है | और उसे लेकर अदिती के पास जाती है |

अदिती के पास जाने के बाद मिना कहती है |

मिना : यह देखिये हम सब उस मोहिनी परी के बेटी को लेकर आये है | अब आप जो चाहे उससे करावा सकती है |

अदिती : तुम लोगो ने बहुत अच्छा काम किया है | अब में जो भी चाहती हु उस मोहिनी से करवा सकती हु |

मोहिनी परी को अपने बेटी के अगवा होने की खबर मिल जाती है और उसे यह भी पता चल जाता है की अदिती ने उसके बेटी को अगवा किया है | फिर वह अदिती को अपने बेटी को छोड़ने का संदेश भेजती है | लेकिन अदिती उसके बेटी को छोड़ने से साफ मना कर देती है | साथ ही उसे यह भी संदेश भिजवाती है की अगर उसे अपनी बेटी चाहिए तो उसे अपने परी लोक के गद्दी को छोड़ना पड़ेगा  नहीं तो युद्ध के लिए तैयार हो जाय |

इस बात का पता चलने के बाद मोहिनी युद्ध के लिए तैयार हो जाती है | साथ ही ऐश्वर्या की अगवा होने की खबर कामिनी को मिलती है | कामिनी अपने माँ से इसके बारे में बात करने के लिए जाती है |

कामिनी : माँ क्या आप ने सच में ऐश्वर्या का अपहरण किया है ?

अदिती : हां

कामिनी : लेकिन क्यों ?

अदिती : तुम्हे उससे क्या लेना देना है |

कामिनी : लेना देना है अगर झगड़ा आप लोगो के बिच में है तो आप बच्चो को क्यों बिच में लेकर आ रही हो |

अदिती : तो अब तुम मुझे सिखावोगी की मुझे क्या करना चाहिए | जाओ यहा से

कामिनी अपने माँ से ज्यादा कुछ नहीं कह पाती है और वहा से चली जाती है | कामिनी पूरी रात सो नहीं पति और सुबह होते ही वह मोहिनी परी से मिलने जाती है | कामिनी को वहा देखकर सभी बहुत हैरान हो जाते है | तभी कामिनी मोहिनी परी से कहती है |

कामिनी : मुझे पता है की मेरी माँ ने ऐश्वर्या को अपना बंदी बनाकर बहुत बुरा किया है | में उनके तरफ से आप से माफ़ी मांगती हु और जैसा मेरे माँ ने किया वैसा आप भी कीजिए ताकि उन्हें अपने गलती का एहसास हो |

मोहिनी : तुम कितनी भोली और समझदार हो, काश तुम्हारी माँ भी इतनी ही समझदार होती पर तुम यह सब कर क्यों रही हो ?

कामिनी : में और ऐश्वर्या अच्छे दोस्त है और में नहीं चाहती की उसे किसी भी कारन परेशानी हो, आप मुझे अगवा करके ऐश्वर्या को यहा बुला सकती है |

मोहिनी : नहीं जो में अपने बेटी के साथ हुवा नहीं देख सकती तो में तुम्हारे साथ ऐसा कैसे कर सकती हु |

मोहिनी कामिनी को अपने साथ रखने से मना कर देती है | साथ ही अदिती को यह बात पता चल जाती है की कामिनी परीलोक में है और वह काफी डर जाती है | उसे डर लगाने लगता है की कही मोहिनी उसी की तरह उसके बेटी को अगवा ना कर ले | मोहिनी कामिनी को लेकर पाताल लोक पहुंच जाती है | कामिनी को अपने पास देखकर अदिती खुश हो जाती है | तभी मोहिनी कहती है |

मोहिनी : अगर में चाहती तो कामिनी को अपना बंदी बना सकती थी | लेकिन लढाई हम बड़ो के बिच में है और में इन बच्चो को इस्तेमाल नहीं कर सकती | तुम अपने बेटी को अपने पास रखो और में अपने बेटी को तुमसे युद्ध करने के बाद ही लेकर जाउंगी | इतना कहकर मोहिनी वहा से जाने लगति है की तभी अदिती को अपने गलती का एहसास हो जाता है और वह मोहिनी से कहती है |

अदिती : रुको मोहिनी मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गयी हमें बच्चो को बिच में नहीं लाना चाहिए था | मुझे माफ़ कर दो मैंने जो भी किया वह गलत था | तुम अब अपने बेटी को लेकर जा सकती हो |

अदिती ऐसा कहकर ऐश्वर्या को मोहिनी को सौप देती है जिसके बाद कामिनी कहती है |

कामिनी : क्या अब में परीलोक और पाताल लोक के झगड़े को ख़त्म समझू ?

अदिती और मोहिनी : हां हां क्यों नहीं |

मोहिनी और अदिती उस दिन से कामिनी और ऐश्वर्या की तरह पक्के दोस्त बन जाते है और आपस के झगड़े को हमेशा के लिए ख़त्म कर देते है और ख़ुशी से रहने लगते है |

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